
देहरादून: 16 जून 2025
मनमीन कौर/अपर्णा
आज यानी 16 जून 2025 वो दुखद दिन है जिसे हिंदुस्तान का कोई भी व्यक्ति याद नहीं रखना चाहता,आज ही के दिन साल 2013 में केदारनाथ में वो भयावह हादसा हुआ जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया था।16 जून की रात को बादल फटने के बाद चौराबाड़ी झील के टूटने से एक विशाल जलप्रलय ने केदारनाथ धाम के पौराणिक स्वरूप को हमेशा के लिए बदल कर रख दिया।लेकिन इस बाढ़ से भगवान भोले नाथ के मंदिर को बाल भी बाँका नहीं हुआ।
आकड़ों की मानी जाए तो इस आपदा में करीब 4400 से अधिक लोग मारे गए,4200 से ज्यादा गावों का संपर्क टूट गया,तकरीबन 991 स्थानीय निवासियों लोगों की जान चली गयी,1300 हेक्टेयर ज़मीने तहस नहस हो गयी।2141 घर मलबे में तब्दील हो गए और यही कोई 100 से ज्यादा लोग होटल के मलबे में हमेशा के लिए दफन हो गए।आपदा में SDRF,NDRF,ITBP के जवानों ने अपनी जान पर खेलकर हज़ारों लोगो को एक नया जीवन दिया वही करीब 30,000 स्थानीय निवासियों और 90,000 पर्यटकों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया।इस घटना से केदारनाथ धाम और आस पास के इलाकों को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा लेकिन इस आपदा के बाद 2014 में केदारनाथ की यात्रा को दोबारा शुरू करवाया गया।करीब 2300 करोड़ रुपये लगाकर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया गया।रास्तों को चौड़ा किया गया और मंदिर के आस पास मंदाकिनी नदी के तट पर सुरक्षा दीवार बनायीं गयी।जिसके बाद 2014 में 30 लाख तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन भी किये।
लेकिन क्या इस विकास का तीर्थयात्रा पर कोई असर पड़ा?जी हाँ बिल्कुल पर्यटकों का आना लगभग दोगुना हो गया लेकिन अब लोगो के आने का मकसद सिर्फ कंटेंट बनाना रह गया है,जैसे की रील बनाना,फोटो खिंचवाना और कैमरे की आड़ में लाखों लोगों को आकर्षित कर अपने सोसल मीडिया फॉलोवर बढ़ाना।
जून का महीना आते ही केदार घाटी में दर का माहौल बना रहता है और हो भी क्यों ना,बीते रोज़ यानी 15 जून 2025 को केदार घाटी में हुए एक हेलीकाप्टर हादसे में 07 लोगों ने अपनी जान गंवा दी | बताया जा रह है की हेलीकाप्टर ने बगैर डीजीसीए की निकासी दिए अपने निर्धारित समय से पहले उड़ान भरी थी,वही पायलट का भी केदार घाटी में उड़ान भरने के लिए नया अनुभव था।जो इस हादसे का मुख्य कारण बना।इससे करीबन एक हफ्ते पहले यानी 07 जून 2025 को भी एक हैलीकाप्टर क्रैश हुआ था,जिसमे पायलट घायल हुआ था और यात्री सुरक्षित बच गए थे।