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गोपेश्वर के पास इस गाँव की सीमा में 24 घंटों तक नो इंट्री,हाईवे पर भी नहीं चलेंगी गाड़ियाँ..जानियें क्यों?

गोपेश्वर: चमोली में गोपेश्वर पास सगर गाँव की सीमा के अंदर आने जाने पर गांव के लोगो ने प्रतिबंध लगाया हैं।यह प्रतिबंध 04 अगस्त रविवार को प्रातः 8:00 बजें से 05 अगस्त सोमवार को प्रातः 8:00 बजे तक रहेगा।इस अवधि के भीतर न तो कोई गाँव की सीमा के अंदर प्रवेश कर पाएगा न तो गाँव की सीमा से कोई बाहर जा पाएगा।यहाँ तक कि यह प्रतिबंध जानवरों और वाहनों पर भी लागू रहेगा।ऐसा ग्रामीण गाँव की खुशहाली के लिए करते हैं।

फ़ाईल फ़ोटो:सगर गाँव में स्थित रुद्रनाथ मंदिर जाने वाला प्रवेश द्वार..फ़ोटो सोर्स- गूगल

बता दें कि गोपेश्वर के पास सगर गाँव भगवान रुद्रनाथ की पैदल यात्रा पर जाने का मुख्य द्वार हैं।इसी गाँव से रुद्रनाथ मंदिर तक जाने का मुख्य रास्ता हैं।इस गाँव में राजा सगर की आराध्य देवी माँ चण्डिका की देवर यात्रा अक्टूबर माह से प्रारंभ होनीं हैं,जिसकों लेकर अगस्त माह में ग्रामीणों द्वारा कुछ विशेष पूजायें की जानी हैं।इसी को देखते हुए ग्रामीणों के द्वारा इस सीमाबंधन का निर्णय लिया हैं।ग्रामीणों का कहना हैं कि पूजा अवधि में कोई भी गाँव की सीमा में प्रवेश करता हैं तो पूजा विफल हो जाती हैं,साथ ही प्रवेश करने वाले को भी नुक़सान होता हैं,इसलिए गाँव की सीमा के अंदर कोई प्रवेश न करे ग्रामीणों की गाँव की सीमाओं पर तैनाती की जाती हैं,किसी भी आपातकाल स्थिति में भी गाँव से बाहर और अंदर आने की अनुमति किसी को नहीं दी जाती हैं।ग्रामीणों ने इस सीमाबंधन की जानकारी स्थानीय लिखित रूप से प्रशासन को भी दें दी हैं।

बता दें कि चमोली से कुंड (केदारनाथ) राष्ट्रीय राजमार्ग 107 का बड़ा हिस्सा इसी गाँव के बीच से ही गुजरता हैं,वहीं इन दिनों सावन का महीना भी चल रहा हैं,और बड़ी संख्या में लोग रुद्रनाथ मंदिर के दर्शनो के लिए भी मुख्य मार्ग होने की वजह से इसी गाँव से होकर गुजरते हैं।ऐसे में केदारनाथ से बद्रीनाथ और रुद्रनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को दिक्क्ते उठानीं पड़ सकती हैं।इसी तिथि को रुद्रनाथ जाने वाले यात्री वैकल्पिक मार्ग के रूप में गोपेश्वर के पास ही कुंजो मैकोट,माता अनसूया,और जोशीमठ विकासखंड स्थित डूमक कलगोट गाँव से जाने वाले पैदल मार्ग का भी उपयोग कर सकते हैं।लेकिन केदारनाथ से ऊखीमठ,चोपता से बद्रीनाथ आने वाले यात्रियों को 24 घंटों का इंतज़ार करना होगा,क्योंकि इस मार्ग पर रुद्रप्रयाग के अलावा कोई दूसरा वैकल्पिक मार्ग नहीं हैं।

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