
रुद्रप्रयाग:घटना जनवरी माह की हैं,लेकिन अब आरोपियों की गिरफ्तारी हुई के बाद मामलें का खुलासा हुआ हैं।जनवरी माह रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक अधीक्षक प्रहलाद कोंडे के सीयूजी (सरकारी) मोबाइल नम्बर पर एक अज्ञात नम्बर से व्हट्सएप मैसेज भेजकर अपने आप को DGP उत्तराखंड बताते हुए पचास हज़ार रुपये की माँग की गई।शक होने पर एसपी के द्वारा तत्काल मामलें की जाँच करवाते हुए चार साईबर ठगों की गिरफ्तारी की गई हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग के सरकारी मोबाइल नंबर पर एक अज्ञात नंबर से व्हाटसप मैसेज आया।सामने वाले व्यक्ति ने स्वयं का परिचय दीपम सेठ,पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड के रूप में देते हुए दिये गये बैंक खाते में 50 हजार धनराशि डालने विषयक अनुरोध किया किया था।पुलिस अधीक्षक समझ चुके थे कि इस प्रकार का मैसेज किसी भी स्तर से किसी वरिष्ठ अधिकारी की ओर से किया जाना सम्भव नहीं था।और ऐसा मैसेज आने पर उस नम्बर को ब्लॉक करना या इग्नोर कर देना भी उचित नहीं था, क्योंकि ऐसे में सामने वाले के हौंसले तो बुलन्द थे ही साथ ही उसे और हवा मिल जाती।जिसके बाद वह किसी अन्य को अभी अपनी ठगी का शिकार बना सकता था।
युवा पुलिस अधिकारी एसपी रुद्रप्रयाग अक्षय प्रहलाद कोंडे ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए वर्णित मामले में कोतवाली रुद्रप्रयाग पर मु0अ0सं0 13/2025 धारा 318 (4), 319 (2), 61 (2) भारतीय न्याय संहिता व 66 डी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम का अभियोग पंजीकृत करवाकर विवेचना राकेश कुमार निरीक्षक प्रभारी साइबर सैल पुलिस कार्यालय रुद्रप्रयाग के सुपुर्द की गयी।
विवेचनात्मक कार्यवाही के दौरान खाते एवं मोबाइल का संचालन महाराष्ट्र एवं राजस्थान में होना प्रकाश में आया।
अभियोग के अनावरण हेतु जनपद स्तर पर टीम गठित कर दबिश, छापेमारी हेतु महाराष्ट्र एवं राजस्थान के लिए रवाना की गयी। जनपद की पुलिस टीम ने वहॉं पहुंचने पर लगभग एक माह तक वहीं रहकर स्थानीय स्तर पर छापेमारी, ए.आई. व मोबाइल फोरेन्सिक के उपयोग से इस कृत्य में प्रथम दृष्टतया 06 लोगों की संलिप्तता प्रकाश में आयी।जिनमें से कुल 4 व्यक्तियों राजू प्रजापत,ललित किशोर उपाध्याय,बलवान हुसैन,मोहम्मद अयूब को हिरासत में लिया गया।यह चारों ज़िला बीकानेर राजस्थान के निवासी हैं।पूछताछ के दौरान इन चारों व्यक्तियों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर इन सभी को नियमानुसार गिरफ्तार कर वहां से सम्बन्धित स्थानीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर ट्रांजिट रिमाण्ड पर जनपद रुद्रप्रयाग लाए जाने के बाद अभियुक्तों से आवश्यक पूछताछ इत्यादि के उपरान्त जिला न्यायालय के समक्ष पेश करने के उपरांत न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया हैं।पुलिस टीम को एसपी रुद्रप्रयाग ने रुपये 2500 एवं अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड के स्तर से रुपये 5000 के नगद पारितोषिक दिये जाने की घोषणा की है।