ग़जब:सरकारी धन की महाबर्बादी,बद्रीनाथ हाईवे पर बग़ैर प्लानिंग के लगा दी गई करोड़ों की स्ट्रीट लाईटें…
देहरादून: बग़ैर प्लानिंग के काम कैसे होते हैं..यह सीखनें के लिए आपको उत्तराखण्ड आना होगा! ऋषिकेश से लेकर धारी देवी मंदिर तक ऑल वैदर सड़क परियोजना के तहत एनएच 07 पर छोटे बड़े कस्बों के बीच से गुजरने वाली सड़को के किनारों पर स्ट्रीट लाइटें इस मक़सद के साथ लगाई गई थी,ताकि चौडी सड़के और आसपास के छोटे बड़े बड़े बाज़ार अंधेरा होने पर आकर्षक लगें।हाईवे पर लाईटो को लगाने का यह काम साल 2021 में समाप्त हो गया था,जबकि उस दौरान सड़क निर्माणाधीन ही थी,आज सड़क निर्माण का कार्य अपने अंतिम चरण पर हैं,लेकिन साल 2021 से आज तक इन स्ट्रीट लाइटो के बल्बों पर रोशनीं नहीं जल पाई।इसके पीछे की वजह हैं एनएच की आधी अधूरी प्लानिंग….
प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ साल 2021 में एनएच निर्माण खंड श्रीनगर (गढ़वाल) द्वारा करोड़ों की लागत से एनएच 07 पर ऋषिकेश से धारी देवी के बीच ऑल वैदर सड़क कों रोशन करने के लिए आनन-फ़ानन में स्ट्रीट लाइटें तो लगवा दी गई,लेकिन इनको रोशन करने का प्लान विभाग नहीं बना हैं,ऋषिकेश से ब्रह्मपुरी,शिवपुरी,गूलर,व्यासी,कोडियाला, तीनधारा,देवप्रयाग,मूल्यागाँव,बागवान,लछमोली,ज़ुयालगढ़,मलेथा,कीर्तिनगर,श्रीनगर,श्रीकोट,धारी देवी तक हाईवे के बीच पड़ने वाले सभी छोटे बड़े क़स्बो में लगाई गई स्ट्रीट लाईटें रोशन होने की राह देख रही हैं,वहीं कई स्थानों पर तो खम्बों से लाईटो को चोर चुरा कर भी लें गये हैं,और अधिकांश जगहों पर बग़ैर देखरेख के कई स्ट्रीट लाईटें खम्बों के साथ प्राकृतिक आपदा की भी भेंट चढ़ चुकीं हैं।लेकिन अब सवाल यह उठ रहा हैं कि जब ऑल वैदर सड़क निर्माण का कार्य पूरा ही नहीं हुआ था तो स्ट्रीट लाइटे लगाने की इतनी जल्दी क्या थी? कि नीति नियंता यह भी प्लान नहीं बना पाये कि सड़क पर जलने वाली इन लाइटों का कनेक्शन किसके नाम पर होगा?क़ौन इन लाईटो के बिल का भुगतान करेगा?
राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड श्रीनगर का जिम्मा सँभाले अधिशासी अभियंता तनुज कंबोज से स्ट्रीट लाईटो के मसले पर दूरभाष से बात करनी चाही तो उन्होंने अपने अधीनस्थ दो सहायक अभियंताओं के नंबर व्हाट्सअप के ज़रिए भेज दिये,पहले हमने ईई तनुज कंबोज द्वारा भेजे गये नंबर पर सहायक अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड श्रीनगर इंजीनियर तहसीन से बात की,बातचीत में तहसीन ने बताया कि उनके पास श्रीनगर से लेकर धारीदेवी तक का कार्यक्षेत्र हैं,जिसकी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के कहने पर नगर निगम द्वारा श्रीनगर से धारी देवी तक की स्ट्रीट लाइटो को हैंडओवर लिए जाने की बात कही गई हैं,लेकिन नगर निगम श्रीनगर एनएच से कनेक्शन करवाने और क्षतिग्रस्त लाइटो को ठीक करवाने के पश्चात् ही हैंडओवर लेने की बात कह रहा हैं।अब ऐसे में कब लाइटो से ऑल वैदर सड़क जगमग होगी कुछ कहा नहीं जा सकता।
वहीं ई.ई तनुज कंबोज द्वारा भेजे गये दूसरे नंबर से सहायक अभियंता अतुल शांडिल्य से बात हुई उन्होंने बताया कि वह देवप्रयाग से लेकर कीर्तिनगर तक का क्षेत्र देखते हैं,इस पूरे मामलें पर उन्होंने हैरान करने वाली जानकारी दी,उन्होंने बताया कि यह बात सच हैं कि लाईटे एनएच के द्वारा लगाई गई हैं,लेकिन लाइट कैसे जलेंगी इनका ऑन पेपर कोई प्रावधान नहीं था,अब ग्रामीण कस्बों में इन लाइटों को रोशन करना चुनौती बनी हुई हैं।क्षतिग्रस्त लाइटों पर उन्होंने कहा कि लाइटो का मैंटीनेश का कार्य 4 सालों तक ठेकेदार के पास होता हैं,जिसके बाद विभाग अपने पास हैंडओवर लेता हैं,अभी तीन साल पुरें हुए हैं।अब ठेकेदार क्षतिग्रस्त लाईटो को तो ठीक कर देगा,लेकिन यह रोशन कैसे होगी,यह विभाग के लिए गले की फाँस बनी हैं।