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रोते बिलखते शहीद कैप्टन दीपक की बहिनें बोलीं,आई प्राऊड ऑफ़ भैया..

देहरादून: बीतें दिन जम्मू कश्मीर स्थित डोडा के अस्सार ईलाके में आतंकी मुठभेड़ के दौरान शहीद हुये कैप्टन दीपक के पार्थिव शरीर का आज हरिद्वार में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हो गया हैं।दोपहर बाद सेना के विशेष विमान द्वारा शहीद दीपक सिंह सिंह का पार्थिव शरीर देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुँचा,जहां राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामीं ने वीर जवान को श्रदांजलि अर्पित की,जिसके बाद शहीद दीपक का पार्थिव उनके परिजनों को अंतिम दर्शन करवाने के लिए विडलास सोसाइटी कुंवावाला ले जाया गया।परिजनों द्वारा अंतिम दर्शन करने के पश्चात सैन्य सम्मान के साथ हरिद्वार में शहीद दीपक की अंत्येष्टि की गई।

जैसे ही तिरंगे में लिपटे 25 वर्षीय शहीद कैप्टन दीपक का का पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान पहुँचा तो शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए पहले से मौजूद लोगो की आँखें नम हो गई।अपने भाई की शहादत की खबर सुनकर केरल और दिल्ली से देहरादून पहुँची दीपक की बहिनों का रो रो कर बुरा हाल हैं,दीपक की माँ और दादी बार बार रो रो कर यहीं कह रहीं हैं मेरे दीपक को वापस ले आओ….पुलिस विभाग से रिटायर शहीद दीपक के पिता ने अपना कलेजा मज़बूत रखा हैं,उनका कहना हैं कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व हैं,उनका वह इकलौता बेटा था,अगर उनके और भी बेटे होते तो वह उन्हें भी मातृभूमि की रक्षा के लिए सेना में भेजते।वहीं दीपक की दोनों बहिनों ने अपने भाई को श्रदांजलि देते हुए कहा कि आई प्राउड ऑफ़ भैया….

मूल रूप से अल्मोडा जनपद का रहने वाला शहीद कैप्टन दीपक का परिवार लंबे समय से देहरादून में ही रहता हैं,विडलास सोसाईटी से पहले उनका परिवार रेसकोर्स में पुलिस विभाग के सरकारी क्वार्टर में ही रहता था,क्योंकि उनके पिता पुलिस विभाग में ही कार्यरत थे,पिता के रिटायरमैंट के बाद उन्होंने कुँआवाला स्थित विडलास सोसाईटी में फ़्लैट लिया,तब से दीपक के माता पिता यहीं रह रहें थे।दीपक को स्पोर्ट्स में काफ़ी रुचि थी,हॉकी उनका सबसे पसंदीदा खेल था,वह रह चुके हैं,जब वह छुट्टी आते तो सोसाईटी के लड़को के साथ हॉकी और बास्केटबॉल भी खेलते,दीपक के शहीद होने पर उनके दोस्त भी मायूस हैं।

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