
जोशीमठ:बीतें शुक्रवार को चमोली के माणा में ग्लेशियर टूटने से हुए भारी हिमस्खलन के कारण बीआरओ कैंप के आसपास काम कर रहें 55 मजदूर बर्फ में दब गए थे।जिनमें से 50 को निकाला जा चुका है। जिनमें से चार की मौत हो गई।46 सुरक्षित हैं।वहीं पांच लापता मजदूरों की सेना और आईटीबीपी के जवानों द्वारा की तलाश जारी है।शुक्रवार को 57 मजदूरों के दबे होने की जानकारी मिली थी,लेकिन अब बीआरओ के अंतर्गत निर्माण कार्य करवा रही एजेंसी का कहना हैं कि शुक्रवार को 54 मजदूर ही काम पर गए थे,जबकि 3 मजदूर छुट्टी पर थे।जिस वजह से 54मजदूर हिमस्खलन की चपेट में आ गए।
घटना की सूचना मिलने के बाद से ही चमोली के डीएम संदीप तिवारी ने जोशीमठ पहुंचकर रेस्क्यू अभियान का मोर्चा संभाला हुआ हैं।ज़िला प्रशासन के द्वारा सड़क मार्ग से भी पैदल राहत बचाव टीमों को भी घटनास्थल के लिए रवाना किया गया हैं।
इसके अतिरिक्त सेना अस्पताल जोशीमठ में भर्ती गंभीर दो मजदूरों को एयर एम्बुलेंस से ऋषिकेश एम्स के लिए रैफर किया गया हैं।देहरादून से सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया है कि बर्फ में दबे चार मजदूरों की मौत हो गई है।जबकि पांच मजदूरों की तलाश लगातार जारी है।रेस्क्यू किए गए 46 मजदूर सुरक्षित हैं।जिनमें से 25 का उपचार जोशीमठ के सेना अस्पताल में किया जा रहा हैं।सड़क बंद होने के कारण सेना की ओर से छह हेलीकॉप्टर से बचाव किया जा रहा है। जिसमें भारतीय थल सेना के तीन चीता हेलीकॉप्टर,वायु सेना के दो और एक अन्य हेलीकॉप्टर शामिल है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी घटनास्थल का हवाई दौरा कर जोशीमठ सेना अस्पताल में घायलों से मुलाक़ात कर उनका हौसला अफ़ज़ाई किया,साथ ही रेस्क्यू कार्यों में जुटे अधिकारियों और कर्मचारियों को तेज़ी से रेस्क्यू अभियान चलाने के निर्देश दिए।सीएम ने कहा की विषम परिस्थितियो के बावजूद भी रेस्क्यू अभियान जारी हैं।जल्द ही सभी लापता लोगो का भी रेस्क्यू कर लिया जाएगा।