
देहरादून:उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2024 में इस बार सिर्फ जीत की नहीं, बदलाव की भी तस्वीरें सामने आई हैं।देहरादून और पिथौरागढ़ जिलों से आई दो कहानियां महिला नेतृत्व और पारिवारिक एकता का अद्भुत उदाहरण पेश करती हैं, जहां देवरानी-जेठानी की जोड़ी ने एक साथ चुनाव जीतकर पंचायत स्तर पर जिम्मेदारी संभाली है।
देहरादून के समीप धनौला सहस्त्रधारा ग्राम पंचायत से सोनिया थापा ने प्रधान पद पर जीत दर्ज की है, जबकि उनकी देवरानी साक्षी थापा क्षेत्र पंचायत सदस्य (BDC) चुनी गई हैं।इन दोनों महिलाओं ने जमीनी स्तर पर प्रचार करते हुए गांव के मूलभूत मुद्दों पानी,सड़क और महिला सुरक्षा को अपने एजेंडे में रखा।सोनिया थापा ने जीत के बाद कहा,”यह जीत सिर्फ हमारी नहीं, पूरे गांव की है। हम पंचायत को मिलकर पारदर्शी तरीके से चलाएंगे।” साक्षी ने भी अपनी प्राथमिकता महिला भागीदारी और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को बताया।
सीमांत जिले पिथौरागढ़ की रीठा रैतोली पंचायत से निशा धारियाल ग्राम प्रधान चुनी गई हैं और उनकी जेठानी जानकी धारियाल बीडीसी सदस्य के रूप में निर्विरोध चुनी गईं।यह परिवार लंबे समय से पंचायत व्यवस्था से जुड़ा रहा है,जहां उनके ससुर बालादत्त धारियाल वर्ष 1980 से 2009 तक ग्राम प्रधान रहे।बाद में उनकी पत्नी अंबिका धारियाल भी इस पद पर कार्य कर चुकी हैं।अब तीसरी पीढ़ी की बहुएं इस लोकतांत्रिक परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं।
इन दोनों उदाहरणों ने साफ कर दिया है कि उत्तराखंड की पंचायतों में महिलाएं अब प्रॉक्सी की भूमिका से निकलकर सक्रिय नेतृत्व में आ चुकी हैं। ग्रामीणों का भी मानना है कि महिलाएं अब फैसले ले रही हैं, योजनाएं लागू कर रही हैं और गांव के विकास की दिशा तय कर रही हैं।देवरानी-जेठानी की ये जोड़ियां केवल चुनाव जीतने वाली महिलाएं नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत में सशक्त, शिक्षित और जागरूक महिला नेतृत्व की प्रेरणास्रोत बन चुकी हैं।