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प्रतीकात्मक केदारनाथ मंदिर नहीं चंदे की दुकान खोल रहा सुरेंद्र रौतेला,आपके लिए भी हैं उनके पास कई ऑफ़र,पढ़िए पूरी खबर…

तीतर ब्यूरो: दिल्ली के बुराडी में मूल रूप से उत्तराखण्ड निवासी सुरेंद्र रौतेला द्वारा प्रतीकात्मक केदारनाथ मंदिर बनाया जा रहा हैं।जिसको लेकर केदारघाटी में लोगो ने विरोध शुरू कर दिया हैं।मंदिर बनाने के विरोध के साथ ही लोग अब उत्तराखण्ड सरकार का भी विरोध कर रहें हैं।वहीं दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाने के पीछे सुरेंद्र रौतेला का बड़ा मक़सद हैं।ठीक उसी तरह जिस तरह किसी मॉल की बिल्डिंग तैयार की जाती हैं,और बाद में अच्छे दामों पर मॉल के अंदर दुकाने बेचीं जाती हैं।सुरेंद्र रौतेला के इसी उद्देश्य को चरितार्थ करता एक पोस्टर सोसल मीडिया पर वाईरल हो रहा हैं।

फ़ोटो: केदारनाथ का प्रतीकात्मक मंदिर बनाने वाले सुरेंद्र रौतेला का टैरिफ़ क़ार्ड…

बताते चले कि मंदिर के भूमि पूजन में उत्तराखण्ड के सीएम पुष्कर धामी,केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा,सहित कुछ विधायक मौज़ूद रहें,हालाँकि नेताओं की मंशा धार्मिक पर्यटन और सनातन धर्म के प्रचार प्रसार की रही हो,लेकिन सुरेंद्र रौतेला के वाईरल टैरिफ़ के पोस्टर को देखकर उनकी मंशा साफ़ लग रही हैं,कि यह आस्था के लिए नहीं बल्कि व्यापार के लिए केदारनाथ मंदिर के प्रतीकात्मक रूप की स्थापना दिल्ली में कर रहें हैं।जारी टैरिफ़ पोस्टर में स्पष्ट हैं कि किस तरह केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर का ट्रस्टी बनाने को लेकर लाखों रुपये की फ़ीस रखी गई हैं,जोकि एक लाख से लेकर तीन लाख तक पहुँच रही हैं,यही नहीं पोस्टर में यह भी लिखा गया हैं कि किसी भी धर्म के लोग ट्रस्टी बन सकते हैं,लेकिन हद तो तब हो गई जब पोस्टर में देखने को मिला कि फूलो की दुकान और प्रसाद की दुकाने भी मंदिर का ही ठेकेदार बना कर देगा,और घर,मकान,दुकान,व्यवसाय के लिए विशेष धागा बांधने की सुविधा भी मंदिर में अलग सी रहेंगी,सुरेंद्र रौतेला जी के पास और भी कई ऑफ़र हैं,लेकिन यह ऑफ़र बिज़नेस तक ही ठीक लगते हैं,धर्म के साथ नहीं,अगर जल्द ही प्रदेश सरकार इस विषय पर कड़ा कदम नहीं उठाती हैं तो केदारनाथ में लोगो का विरोध केदारनाथ उपचुनाव में देखने को मिल सकता हैं।

 

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