चारधाम यात्रा में पंजीकरण अब नो प्रॉब्लम,यात्रा के मुख्य पड़ावो पर होगा ऑफलाइन पंजीकरण…

देहरादून: चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को अब ऋषिकेश या हरिद्वार में रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी लाईन में लगने के बाद भी पंजीकरण न होने पर बगैर यात्रा किए वापस लौटने को मजबूर नहीं होना होगा।इसके लिए सरकार ने बेहतर विकल्प तलाश लिया हैं।इस बार यात्राकाल के दौरान यमुनोत्री धाम के बड़कोट स्थित दोबाटा में,गंगोत्री के लिए हिना में,केदारनाथ धाम के लिए गुप्तकाशी-फाटा और बदरी विशाल के लिए गौचर में ऑफलाइन पंजीकरण काउंटर खोले जायेंगे।
पिछले वर्षों की अगर बात करें तो पंजीकरण न होने की वजह से कई तीर्थयात्रियों को प्रशासन के द्वारा बगैर दर्शन किए आधे रास्तों से ही वापस लौटाया गया था।जिससे प्रदेश सरकार की देशभर में काफ़ी फ़ज़ीहत हुई थी।पंजीकरण की यह व्यवस्था कोरोना संक्रमण के दौरान चारधाम यात्रा को पुनः संचालित करने और यात्रियों की सीमित संख्या धामो में भेजे जाने के लिए की गई थी।लेकिन तत्कालीन सरकार और अधिकारियों को यह व्यवस्था अपने लिए सुविधाजनक लगी,लेकिन पंजीकरण केन्द्रों पर आधी अधूरी व्यवस्था और बग़ैर वाहन पार्किंगों के यह व्यवस्था जब अव्यवस्था में बदलने लगी तो सरकार को आफ़लाइन पंजीकरण के लिए बाध्य होना पड़ा।
बता दें कि लंबे समय से तीर्थयात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की तरफ़ से यह शिकायतें मिल रही थी कि बगैर रजिस्ट्रेशन के उन्हें यात्रा पर आने से रोका जा रहा हैं,जबकि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाले कई यात्री पंजीकरण तो करवा लेते हैं,लेकिन यात्रा के लिए नहीं पहुंचते,जिससे पंजीकरण का स्लॉट तो फुल दिखाता हैं,लेकिन अन्य पंजीकरण करवाने वाले यात्रियों को उसका नुकसान उठाना पड़ता हैं।इसी को मद्देनजर गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने चारधाम होटल एसोसिएशन के सदस्यों के साथ बैठक की।जिसमे निर्णय लिया गया कि प्रत्येक धाम के प्रथम पड़ाव में ऑफलाइन पंजीकरण के लिए काउंटर खोले जाएंगे।इस दौरान तय किया गया कि ऑनलाइन पंजीकरण 75 प्रतिशत किया जायेगा,और ऑफलाइन पंजीकरण में यात्रियों की कोई संख्या निर्धारित नहीं होगी यानी असीमित संख्या में यात्री धामो में पहुँच सकेंगे।सरकार के इस फ़ैसले से अब होटल कारोबारियों के चहरे खिल उठे हैं,क्योंकि रजिस्ट्रेशन के लगने वाली लंबी लाईनो से परेशान होकर तीर्थयात्रा पर आने वाले कई तीर्थयात्री तीर्थयात्रा पर आने का अपना ईरादा बदल रहे थे।