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उत्तराखंड विद्वत् सभा का ज्योतिष सम्मेलन संपन्न, डॉ.रमेश चन्द्र पाण्डेय के मार्गदर्शन में शास्त्रीय विमर्श को मिली नई दिशा…

देहरादून: उत्तराखंड विद्वत् सभा के तत्वावधान में आयोजित ज्योतिष सम्मेलन विद्वत समाज के लिए एक महत्वपूर्ण और विचारोत्तेजक आयोजन सिद्ध हुआ।यह सम्मेलन न केवल एक शैक्षणिक मंच रहा, बल्कि सनातन परंपरा, शास्त्रीय ज्योतिष और समाजहित से जुड़े विषयों पर गंभीर विमर्श का केंद्र भी बना।

सम्मेलन में सभा के संरक्षक एवं शंकराचार्य ज्योतिष पीठ के धर्माधिकारी, प्रख्यात ज्योतिषाचार्य डॉ. रमेश चन्द्र पाण्डेय ने अध्यक्षीय दायित्व का निर्वहन किया। उनके मार्गदर्शन और उद्बोधन ने पूरे आयोजन को वैचारिक स्पष्टता और शास्त्रीय गरिमा प्रदान की। डॉ. पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा कि ज्योतिष शास्त्र केवल भविष्य कथन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वेदों और शास्त्रों पर आधारित एक सुव्यवस्थित एवं वैज्ञानिक परंपरा है, जिसका उद्देश्य समाज को सही दिशा प्रदान करना है।

उन्होंने व्रत-पर्व निर्धारण, तिथि-मुहूर्त, ग्रह-नक्षत्रों की शास्त्रीय व्याख्या तथा वर्तमान समय में व्याप्त भ्रांतियों के निराकरण पर विस्तार से प्रकाश डाला। उनका कहना था कि जब तक ज्योतिष को उसके मूल ग्रंथों और प्रमाणिक परंपराओं के आधार पर नहीं समझा जाएगा, तब तक समाज में भ्रम की स्थिति बनी रहेगी।

सम्मेलन के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आए विद्वानों और ज्योतिषाचार्यों ने गंभीर एवं तथ्यपरक विचार साझा किए।शास्त्रीय मर्यादा, अनुशासन और विषयगत गंभीरता के कारण यह आयोजन विद्वत समाज में विशेष रूप से सराहा गया। उत्तराखंड विद्वत् सभा के इस प्रयास को सनातन धर्म और ज्योतिष शास्त्र के संरक्षण की दिशा में एक सार्थक पहल के रूप में देखा गया।

डॉ. रमेश चन्द्र पाण्डेय की भूमिका सम्मेलन में केवल अध्यक्ष तक सीमित नहीं रही, बल्कि वे एक मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत के रूप में पूरे आयोजन में सक्रिय रहे। उनकी विद्वत्ता, संतुलित दृष्टिकोण और सरल प्रस्तुति ने सम्मेलन को विशेष गरिमा प्रदान की। उत्तराखंड विद्वत् सभा द्वारा आयोजित यह ज्योतिष सम्मेलन शास्त्रीय ज्योतिष और सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं प्रसार की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में याद किया जाएगा।

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