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देवभूमि के इस शहर में कूड़े से करोड़पति बनी नगरपालिका,जानिए कैसे ??

जोशीमठ: बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब सहित फूलों की घाटी यात्रा के मुख्य पड़ाव जोशीमठ से पांडुकेश्वर तक सफाई का जिम्मा नगरपालिका परिषद जोशीमठ के पास  है।ऐसे में यहां जोशीमठ नगरपालिका की ओर से नगर के साथ ही यात्रा मार्ग पर बिखरे प्लस्टिक कचरे को आय का साधन बना लिया है।और आय भी हज़ारो में नहीं लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों में हुई हैं।

जोशीमठ के उपजिलाधिकारी और इन दिनों नगरपालिका के प्रशासक चंद्रशेखर वशिष्ठ ने  बताया कि जोशीमठ से पांडुकेश्वर तक सफाई व्यवस्था के लिये नगर पालिका जोशीमठ की ओर से जहां पर्यावरण मित्र तैनात किए गए हैं। वहीं प्लास्टिक कचरे के प्रभावी निस्तारण के लिये 22 मजदूर तैनात किए गए हैं। जिनके माध्यम से प्लास्टिक कचरे को एकत्रित कर कांपेक्टर मशीन में प्रेस करने के बाद विपणन किया जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप जहां यात्रा मार्ग से प्लास्टिक कचरे का प्रभावी निस्तारण हो रहा है। वहीं पालिका प्रशासन को बेहतर आय भी प्राप्त हो रही है।

पालिका प्रशासन के अनुसार यात्रा मार्ग से उन्होंने एक माह में कुल ढाई लाख से अधिक कोल्डड्रिंक और मिनरल वाटर की ख़ाली बोतलें एकत्रित की है।जबकि नगर क्षेत्र से अन्य प्लास्टिक कचरे को मिलाकर करीब तीन टन से अधिक प्लास्टिक कचरा एकत्रित किया गया है।पालिका के अधिकारियों ने बताया की यात्रा मार्ग पर प्लास्टिक कचरे को एकत्रित करने के लिये नगर और यात्रा मार्ग पर 22 मजदूर लगाए गए हैं। प्लास्टिक कचरे को एकत्रित कर जोशीमठ में लगाई गई कॉम्पेक्टर मशीन से ब्लॉक बनाकर कचरे का विपणन किया जा रहा है। जिससे वर्तमान तक जोशीमठ नगर पालिका की ओर से 1 करोड़ 2 लाख से अधिक की आय अर्जित कर ली गई है।

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