अंकिता भंडारी हत्याकांड में दोषियों को उम्रकैद, कोर्ट ने लगाया जुर्माना, परिजन नाराज़…

कोटद्वार: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगियों सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई। अदालत ने तीनों को भा.दं.सं. की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना) और 354 (शारीरिक उत्पीड़न) के तहत दोषी पाया।कोर्ट ने तीनों दोषियों पर प्रत्येक ₹50,000 का अर्थदंड भी लगाया है। इसके साथ ही अदालत ने मृतका के परिजनों को ₹4 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश भी दिया।
फैसले के दौरान अंकिता के माता-पिता भी अदालत में उपस्थित रहे। उन्होंने कोर्ट के फैसले पर असंतोष व्यक्त करते हुए दोषियों को फांसी की सज़ा देने की मांग की है।उनका कहना है कि इस जघन्य अपराध में आजीवन कारावास अपर्याप्त है।कोर्ट का फैसला आने से ठीक पहले कोर्ट परिसर के बाहर मौजूद भीड़ ने पुलिस द्वारा की गई बैरिकेडिंग को तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए भीड़ को रोका और स्थिति को नियंत्रित किया।
यह मामला सितंबर 2022 में सामने आया था, जब 19 वर्षीय अंकिता भंडारी, जो कि ऋषिकेश के पास स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थीं, अचानक लापता हो गईं। कुछ दिनों बाद उनका शव ऋषिकेश बैराज से बरामद हुआ था।जांच में सामने आया कि अंकिता पर रिसॉर्ट के मेहमानों को “स्पेशल सर्विस” देने का दबाव बनाया जा रहा था। जब उसने इसका विरोध किया, तो उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था।
पिछले 2 वर्ष 8 माह तक चली सुनवाई में कुल 97 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। पूरे प्रदेश की नजर इस फैसले पर टिकी थी, जो आज कोर्ट ने सुनाया।फैसले के बाद अंकिता के पिता ने कहा कि वे अब उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और फांसी की सज़ा की मांग को आगे बढ़ाएंगे। उनका कहना है,“हमारी बेटी को इंसाफ अधूरा मिला है, हम अंत तक लड़ेंगे।”