गढ़वाल का गैंगस्टर बरेली में बन गया था पादरी,17 सालों बाद पौड़ी पुलिस ने किया गिरफ्तार..

पौड़ी: 17 सालों से पुलिस से आँख मिचौली का खेल खेलने वाले पाँच हज़ार रुपये के ईनामी बदमाश को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह के निर्देश उत्तर प्रदेश के बदांयूं से पौड़ी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।मफरूर वास्तविक पहचान छुपाकर वर्तमान समय में सुभाष नगर,बरेली के एक चर्च में पादरी का काम कर रहा था।लेकिन पुलिस की सटीक रणनीति से फरार मफरूर नहीं बच पाया,और पुलिस के शिकंजें में आखिरकार फँस की गया।पुलिस ने फर्जी पादरी कुंवरपाल को बदायूं से गिरफ्तार कर लिया हैं।
एसएसपी पौड़ी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि कोतवाली पौड़ी में 17 साल पहले चोरी के संबंध में एक मुकदमा पंजीकृत किया गया था।इसी मामलें में साल 2007 को राकेश,देवेंद्र व कुंवरपाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था।कोर्ट ने तीनो आरोपियों को 6-6 महीने की सजा भी सुनाई थी।एसएसपी ने बताया कि उसी दौरान तीनों आरोपियों के द्वारा गैंग बनाकर कई मोटर साइकिलो की चोरी की घटनाओ को भी अंजाम दिया गया था,जिसके चलते तीनो के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट भी पंजीकृत किया गया। इन तीनों आरोपियों में से पौड़ी के अपर चोपडा डेविडधार निवासी कुंवरपाल सिंह यादव गैंगस्टर एक्ट में साल 2008 में जमानत पर रिहा होने के बाद लगातार फरार चल रहा था। बताया कि इन दिनों पौड़ी पुलिस के द्वारा फरार चल रहे आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर अभियान चलाया जा रहा है।
मामले में पौड़ी पुलिस कई समय से लगातार फरार कुंवरपाल यादव को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही थी,लेकिन आरोपी शातिर किस्म के होने व लंबे समय से फरार चलने पर आरोपी के संबंध में कोई सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही थी।एसएसपी ने बताया कि फरार मफरूर कुवंरपाल की गिरफ्तारी के लिए उस पर 5 हजार का ईनाम भी घोषित किया गया था।बताया कि अलग- अलग प्रदेशों में दबिश देकर अभियोग में संलिप्त फरार मफरूर कुंवरपाल को गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बदांयू से गिरफ्तार किया गया।कुंवरपाल वर्तमान समय में पहचान छुपाकर बरेली के सुभाषनगर के किसी गिरजाघर में पादरी का काम कर रहा था।अब पुलिस द्वारा अभियुक्त को पुनः न्यायालय में पेश करने के उपरांत न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया हैं।