सांसद हरिद्वार त्रिवेंद्र और सांसद गढ़वाल बलूनी की Y+ सुरक्षा वापस की खबर का ,पुलिस ने किया खंडन..
देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी व गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद अनिल बलूनी की उत्तराखण्ड सरकार द्वारा दी गई Y+ कैटेगरी की सुरक्षा हटाई जाने की खबर का उत्तराखण्ड पुलिस ने खंडन किया हैं।सुरक्षा हटाये जाने की जानकारी नेटवर्क 10 न्यूज़ चैनल ने अपने सोसियल मीडिया प्लेटफार्म पर x के ज़रिए दी हैं।अब इस पूरे मसले पर सरकार ने दौनों नेताओं की सुरक्षा कम किए जाने की खबर को लेकर खंडन किया हैं।पुलिस की तरफ़ से खंडन आया हैं,कि दावा किया गया था कि दोनों नेताओं की वाई+ श्रेणी की सुरक्षा राज्य सरकार ने वापस ले ली है, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ़ से सुरक्षा हटाने को लेकर कोई आदेश नहीं आया है।पुलिस के द्वारा सुरक्षा हटाये जाने की खबर को सीधे सिरे से ख़ारिज किया गया हैं।
वहीं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सुरक्षा हटायें जाने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामीं से पुनः Y+ सुरक्षा बहाल किए जाने हेतु बीतें 11 मई को पत्र भी लिखा हैं।पत्र में उन्होंने लिखा हैं कि उन्हें संगठन द्वारा सौंपे गये दायित्वों का निर्वहन करने के लिए चुनाव प्रचार में प्रदेश से बाहर जाना होता हैं,इनमें से स्थान संवेदनशील होते हैं,जिस वजह से सुरक्षा की आवश्यकता होती हैं।पूर्व सीएम ने वर्तमान सीएम से तत्काल सुरक्षा देने की बात कही हैं।इस बात को लेकर भी चर्चा बनी हैं,कि विवादास्पद लोगों की सुरक्षा बरकरार हैं।
अब उत्तराखण्ड पुलिस ने सभी तरह की अटकलों पर विराम लगाते हुए खंडन करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से किसी व्यक्ति को जीवन भय के आधार पर सुरक्षा की श्रेणी दी जाती है।साल के हर छह महीने में सुरक्षा कवर की समीक्षा कराये जाने का प्रावधान है। पुलिस हेडक्वार्डर ने त्रिवेंद्र सिंह रावत और अनिल बलूनी की सुरक्षा को हटाये जाने को कोई निर्णय नहीं लिया है.
आगे पुलिस ने कहा कि आने वाले समय में सुरक्षा के सम्बन्ध में राज्य सुरक्षा समिति (SSRC) की बैठक शासन स्तर पर प्रस्तावित अलग-अलग लोगों को सुरक्षा देने के सम्बन्ध में समिति की तरफ से आंकलन किया जाता है और इसे हेडक्वार्टर भेजा जाता है. समिति के आंकलन के आधार पर ही सुरक्षा दिए जाने या हटाये जाने के सम्बन्ध में शासन स्तर पर फैसला लिया जाता है।प्रशासन ने दोनों नेताओं की सिक्योरिटी कवर को हटाए जाने की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि जहां तक विवादास्पद लोगों की सुरक्षा को बरकरार रखने का सवाल है तो ऐसे लोगों की लिस्ट पुख्ता सबूतों के साथ अधिकारियों या समिति के सामने पेश किया जाता है।