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पंचायत आरक्षण सुनवाई को लेकर हाईकोर्ट में आज क्या हुआ:जानिये?

नैनीताल: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर जारी विवाद से जुड़े हुए मामले की सुनवाई मंगलवार को नैनीताल हाई कोर्ट में हुई।जो कि कल गुरुवार को भी जारी रहेगी,हाईकोर्ट ने फिलहाल चुनाव प्रक्रिया पर पूर्व में लगाई हुई रोक अभी भी बरक़रार रखा है।

आज हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखा।मुख्य न्यायधीश जे.नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने मामले को प्राथमिकता से लेते हुए कल सवेरे के लिए भी सुनवाई जारी रखी है।राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया की पंचायत चुनाव के लिए सभी आवश्यक कानूनी प्रक्रियाएं नियम के अनुसार पूरी की गयी है ,उन्होंने बताया की 09 जून 2025 को चुनाव सम्बंधित नियमावली तैयार की गयी थी,वही 11 जून 2025 को आरक्षण एवं रोटेशन सूची जारी की गयी।फिर 15 जून 2025 को इसका राजपत्र यानी की गैज़ेट अधिसूचना प्रकाशित कर दी गयी थी।लेकिन इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से दावा किया गया कि पंचायती चुनावों की प्रक्रिया में आरक्षण रोटेशन और नियमावली से सम्बंधित कई स्तरों पर अनियमितताएं हुई है, जिसके कारण यह मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा।

सरकार की तरफ से पक्ष रखने पहुंचे महाधिवक्ता एस.एन बाबुलकर ने कहा की उत्तराखंड में चुनाव लम्बे समय से लंबित थे जिसके लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया है।उन्होंने मध्य प्रदेश उच्च न्यायलय के चुनाव सम्बन्धी निर्देशों का हवाला दिया | उन्होंने बताया की सरकार चुनाव करने के पक्ष में है,यह भी बताय की हमने आरक्षण को 70 से 50 प्रतिशत पर लाकर खड़ा कर दिया है।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शोभित सहरिया ने कहा की में सामान्य वर्ग से हूँ ये सीट पिछले तीन टर्म से आरक्षित है।सरकार आरक्षण का प्रथम चरण मान रही है।

मुख्या न्यायधीश जे.नरेंद्र ने वकीलों से कहा की आरक्षण और रोटेशन के मामले को एक दो दिनों के भीतर ठीक कर पेश करो।हम यहाँ चुनाव को पोस्टपोंड करने के लिए नहीं है।कहा कि आप याचिकाकर्ता की सुने और उस तरह की व्यवस्था कराएं।आप रोटेशन का विवरण बनाकर न्यायालय को दें।हम इस मामले को प्राथमिकता से कल सुनेंगे, हम चुनाव नहीं रोकेंगे।सरकार की तरफ से वकीलों ने यह भी बताया की आरक्षण की प्रक्रिया को पूरी तरह से निर्धारित नियमों और मानकों के तहत पूरा किया गया है,और इसमें किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं की गयी है। फिलहाल हाई कोर्ट ने कहा की यह मामला राज्य की लोकतान्त्रिक प्रक्रिया और ग्राम स्तर के प्रसाशन से जुड़ा है,तो इस मामले पर सभी पक्षों को अच्छी तरह से सुना जाना आवश्यक है इसी लिए इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 जून 2025 की तारीख तय की गयी है।तब तक पंचायती चुनायों पर लगी हुई रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी।

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