
हल्द्वानी: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हाल की बारिश और भूस्खलन से सड़कें पूरी तरह बाधित हो गई थीं। ऐसे समय में परीक्षा केंद्र तक पहुँचना किसी चुनौती से कम नहीं था। लेकिन राजस्थान के चार छात्रों ने हार नहीं मानी और अपनी शिक्षा के प्रति अद्भुत समर्पण दिखाया।
हल्द्वानी स्थित उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी से बी.एड. कर रहे मगराम जाट, ओमाराम जाट, प्रकाश गोदारा जाट और लकी चौधरी की परीक्षा मुनस्यारी के गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज में निर्धारित थी। सड़क मार्ग बंद होने पर उन्होंने विकल्प तलाशे। टैक्सी ड्राइवरों ने सफ़र करने से इनकार कर दिया तो छात्रों ने साहसिक कदम उठाते हुए चार्टर हेलीकॉप्टर किराए पर ले लिया।
करीब 10,400 रुपये प्रति छात्र खर्च कर वे समय पर परीक्षा केंद्र पहुँचे। जहाँ सड़क से यह यात्रा 10 घंटे लेती, वहीं हेलीकॉप्टर ने उन्हें मात्र 25-30 मिनट में गंतव्य तक पहुँचा दिया। परीक्षा देने के बाद वे अगले ही दिन वापस हल्द्वानी लौट आए।
ओमाराम जाट ने बताया कि कठिन हालात में वे लगभग उम्मीद छोड़ चुके थे, लेकिन हेलीकॉप्टर सेवा की जानकारी मिलते ही जैसे उन्हें जीवनदान मिल गया। वहीं नरपत ने कहा कि खर्चा ज्यादा था, पर शिक्षा और भविष्य के लिए यह क़दम ज़रूरी था।
यह घटना न सिर्फ इन छात्रों के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है, बल्कि प्रशासन और विश्वविद्यालयों के लिए भी सवाल खड़े करती है कि आपदा की परिस्थितियों में परीक्षा आयोजन कितना उचित है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थितियों में परीक्षा व्यवस्था को अधिक लचीला और छात्र हितैषी बनाया जाना चाहिए।