रुद्रनाथ के प्रवेश द्वारा पर वन विभाग द्वारा लिए जा रहे परमिट फ़ीस का महिलाओं ने किया विरोध,कहा जल जंगल ज़मीन की लड़ाई रहेगी जारी
गोपेश्वर:रुद्रनाथ के प्रवेश द्वार सगर गाँव में स्थानीय महिलाओं ने रुद्रनाथ जा रहें तीर्थयात्रियों से वन विभाग द्वारा सेंचुरी क्षेत्र में प्रवेश करने पर ली जा रही परमिट फ़ीस का विरोध कर तीर्थयात्रियों से परमिट फ़ीस लेने का काम रुकवाया। महिलाओं का कहना हैं कि यात्रियों को वन विभाग के द्वारा कोई भी सुविधायें नहीं दी जा रही हैं।लेकिन यात्रियों से पर्यावरण को सुरक्षित रखने के नाम पर केदारनाथ वन प्रभाग द्वारा बेवजह वसूली की जा रही हैं।महिलाओं का कहना हैं कि वन विभाग को अगर वसूली ही करनी हैं तो विभाग रुद्रनाथ के प्रवेश द्वार पर नहीं बल्कि अपनी वन भूमि पर टैंट लगाकर कर वसूली करें।और यात्रियों को वन विभाग सुविधाएँ भी प्रदान करें।सगर गाँव की महिलाओं ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर वन विभाग के कर्मचारियों को 3 दिन के भीतर गाँव की सीमा से बाहर जाने की चेतावनी दी।
मामले पर केदारनाथ वन प्रभाग के उप वन संरक्षक अभिमन्यु सिंह का कहना हैं कि सेंचुरी क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रवेश करने वाले व्यक्ति से एक निर्धारित शुल्क़ लिया जाता हैं।जिसका कि लिखित शासनादेश हैं।सगर गाँव में रुद्रनाथ के प्रवेश द्वार में परमिट शुल्क इसलिए लिया जाता हैं क्योंकि सड़क से यात्रियों को सहूलियत होती हैं।अगर गाँव वालो को आपत्ति हैं तो सगर गाँव से लगी हुई सेंचुरी की सीमा हैं,विभाग वहाँ चैकपोस्ट बनाकर यात्रियों से परमिट शुल्क लेगा।हालाँकि गांव के लोगो की सुविधा के लिए ईडीसी का गठन करने को लेकर विचार किया जा रहा हैं।
बता दें कि केदारनाथ वन प्रभाग के द्वारा भगवान रुद्रनाथ यात्रा के मुख्य प्रवेश द्वार सगर गाँव में रुद्रनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों से सेंचुरी क्षेत्र में प्रवेश करने पर 200 रुपये परमिट शुल्क लिया जाता हैं,जिसकी तीर्थयात्री को रसीद दी जाती हैं।साथ ही 100 रुपये की रसीद सेंचुरी क्षेत्र में प्लास्टिक की वस्तुयें ले जाने पर तीर्थयात्रियों से अलग सी काटी जाती हैं।अगर तीर्थयात्री यात्रा से वापस लौटने पर प्लास्टिक की वस्तुओं,पानी की ख़ाली बोतले ,चिप्स के रैपर वन कर्मियों को दिखाता हैं,तो उन्हें यह 100 रुपये की राशि वनकर्मियों द्वारा वापस कर दी जाती हैं।