Uncategorized

पिता विधायक और बेटे आज भी करते हैं लोहारी का काम,जानियें क्यों?

चमोली:(सिमलीं) पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड में एक ऐसे विधायक भी हैं,जिनकें दोनों बेटे आज भी अपना पुश्तैनी लोहारी का काम कर रहें हैं।बात की जा रही हैं उत्तराखंड की 05 थराली विधानसभा की,जहाँ से मौजूदा समय में भूपाल राम टम्टा भाजपा के विधायक हैं।इन दिनों भूपाल राम टम्टा बद्रीनाथ उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी के पक्ष में गाँव गाँव जाकर प्रचार कर रहें हैं।

फ़ोटो:कर्णप्रयाग के पास सिमली में स्थित अपनी कार्यशाला में काम करते विधायक भूपाल राम टम्टा के बेटे जयप्रकाश

थराली विधानसभा से भाजपा विधायक भूपाल राम टम्टा ने बताया कि उनके पिता गाँव में ही लोहारी का कार्य करते थें।उन्होंने भी अपने पिता से लोहारी का काम सीखा था, सिंचाई विभाग में नौकरी लगने के कारण हमारा पुश्तैनी काम छूटने लगा तो मैंने नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर आधुनिक रूप से सिमली में कार्यशाला स्थापित की,मुझें बेहद ख़ुशी हैं,कि आज मेरे  दोनों बेटे सरकारी नौकरी के पीछे न भागकर अपने पुश्तैनी काम को ही अपना स्वरोजगार बना कर दूसरो को रोज़गार देने का कार्य कर रहें हैं।साल 2006से राजनीति में सक्रिय रहने के कारण में अपने काम को वक्त नहीं दें पा रहा था,लेकिन आज मेरे दौनो बेटो ने मेरा काम सँभाल लिया हैं।

विधायक भूपाल राम टम्टा के छोटे बेटे और चमोली जनपद के जाने मानें क्रिकेटर जयप्रकाश टम्टा ने बताया कि उनके पिता सिंचाई विभाग चमोली में कार्यरत थे,लेकिन राजनीति में रुचि होने के कारण उन्होंने सिंचाई विभाग से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर कर्णप्रयाग के पास सिमलीं में लोहें से कृषि औज़ार बनाने की कार्यशाला खोली,और हम भी गोपेश्वर छोड़कर पूरे परिवार के साथ सिमली में ही रहने लगे।शुरुआती दौर में ख़ाली समय होने पर पढ़ाई के साथ साथ हम भी पिताजी के काम में हाथ बँटाते,जिस कारण मेरे बड़े भाई विजय प्रकाश और मेरी रुचि अपने पैतृक काम लौहारी की तरफ़ बढ़ने लगी।हालाँकि हम दोनों भाईयो ने अपनी पढ़ाई ग्रेजुऐशन तक जारी रखी,लेकिन पिताजी की राजनीतिक व्यस्तता का असर काम पर भी पड़ने लगा,जिसके बाद हम दोनों भाईयो ने सरकारी नौकरीं की लालसा छोड़ अपने पैतृक कार्य को ही अपना स्वरोज़गार बनाया,जबकि हमारी एक बहिन सचिवालय में समीक्षा अधिकारी और दूसरी बहिन ने क़ानून की पढ़ाई की हैं।कहा कि आज हमारी कार्यशाला में कुदाल,दरांती,हल,कृषि से जुड़े सभी उपरकण बनाये जाते हैं।जो स्थानीय कृषकों के बीच काफ़ी पसंद किए जाते हैं।

 

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button