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पूर्व IPS विमला गुंज्याल और कर्नल यशपाल बने अपने गांवों के निर्विरोध ग्राम प्रधान..

देहरादून: उत्तराखंड की मिट्टी ने एक बार फिर देश को यह दिखा दिया है कि सच्चा नेतृत्व पद के पीछे नहीं, सेवा भाव के पीछे होता है।प्रदेश के दो वरिष्ठ अधिकारियों में सेना के पूर्व कर्नल यशपाल नेगी और उत्तराखंड पुलिस की आईजी स्तर की अधिकारी विमला गुंज्याल को उनके-अपने गांवों के लोगों ने निर्विरोध ग्राम प्रधान चुना है,और यह केवल चुनाव नहीं,बल्कि जनविश्वास और प्रेरणा का प्रतीक बन गया है।

पूर्व सैन्य अधिकारी कर्नल यशपाल नेगी को उनके पैतृक गांव विरगणा (जनपद पौड़ी) के ग्रामीणों ने पूरे सम्मान और एकता के साथ ग्राम प्रधान बनाया।कर्नल नेगी का सैन्य अनुभव और सामाजिक सरोकार गांव के लोगों को आश्वस्त करता है कि अब गांव में ईमानदारी और समर्पण के साथ विकास होगा।सेना से सेवा निवृत्त होने के बाद भी उनका जीवन जनसेवा को समर्पित रहा है, और अब वह अपने ही गांव के नेतृत्व में यह ज़िम्मेदारी निभाने को तैयार हैं।कर्नल यशपाल सेवानिवृति के बाद अपने खेतों में खेतीबाड़ी में जुटे रहेंते हैं,किसी जरुरी काम से ही वह गांव से बाहर निकलते हैं।

वहीं पिथौरागढ़ जिले के सीमांत गांव गूंजी में,आईजी स्तर की अधिकारी विमला गुंज्याल को भी सेवानिवृति के बाद गांव की जनता ने बिना किसी विरोध के ग्राम प्रधान चुन लिया।गूंजी, जो भारत-तिब्बत सीमा के पास स्थित एक संवेदनशील और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण गांव है,अब एक ऐसे हाथों में है जो प्रशासनिक अनुभव,संवेदनशीलता और जनहित की भावना से परिपूर्ण हैं।गूंजी गांव कैलाश मानसरोवर यात्रा के मुख्य पड़ावो में विमला गुंज्याल की छवि एक कर्मठ, ईमानदार और जमीनी अफसर की रही है और ग्रामीणों का यह निर्णय इस विश्वास को मजबूत करता है।

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