कालचक्र
Trending

देहरादून में पाकिस्तान का मकान! क्या होती हैं?शत्रु संपति,देखिए वीडियो..

देहरादून: इन दिनों देश के भीतर भारत और पाक के बीच आपसी तनाव को लेकर मुद्दा काफी गरमाया हुआ है।क्या आपको मालूम है? ऐसी तनावपूर्ण स्थिति या युद्ध के दौरान देश छोड़ने के बाद जिन संपत्ति को छोड़कर लोग दूसरे देशों में शरण ले लेते हैं,उन संपत्तियों पर किसका अधिकार होता हैं? और उन संपत्ति को किस नाम से जाना जाता है, तो आज हम उत्तराखंड में मौजूद ऐसी शत्रु संपत्तियों के बारे में आपको बताने वाले हैं।

शत्रु संपत्ति, यानी ऐसी संपत्ति जो उन लोगों की है, जो 1947 के विभाजन और 1971 के युद्ध के बाद भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए और वहां की नागरिकता ले ली।शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत इन संपत्तियों पर सरकार का अधिकार होता है। इन संपत्तियों में जमीन, मकान, व्यवसाय, या अन्य अचल संपत्तियां शामिल भी हो सकती हैं।ऐसी संपत्तियों का उपयोग या बिक्री सरकार के नियंत्रण में होती है।

फ़ोटो क्रेडिट:गूगल:नैनीताल का होटल मैट्रोपोल (शत्रु संपति)

शत्रु संपत्ति अधिनियम,1968 के तहत, भारत सरकार ने ऐसी संपत्तियों को अपने कब्जे में लिया हैं,जिनके मालिक अब दुश्मन देशों के नागरिक हैं।उत्तराखंड में ऐसी 69 संपत्तियां चिह्नित की गई हैं, जो मुख्य रूप से हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, देहरादून, नैनीताल और अल्मोड़ा जैसे जिलों में हैं।इनमें से कई संपत्तियां शहरी क्षेत्रों में हैं,जिनकी कीमत करोड़ों रुपये आंकी गई है।नैनीताल का मेट्रोपोल होटल भी इन्हीं में से एक हैं।

फाइल फ़ोटो: देहरादून स्थित काबुल हाउस (शत्रु सम्पत्ति)

इन्हीं में से एक संपत्ति देहरादून में “पाकिस्तान का मकान” के नाम से जाने जानी वाली इमारत काबुल हाउस भी है।जिसे देहरादून प्रशासन द्वारा अवैध कब्जाधारकों से साल 2023 में ख़ाली करवाकर ध्वस्त करवा दिया गया। यह भवन अफगानिस्तान के राजा मोहम्मद याकूब खान ने बनवाया था, लेकिन 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद, याकूब खान के वंशज पाकिस्तान चले गए,तब से यह घर “पाकिस्तान का मकान”के रूप में जाना जाने लगा। जानकार बताते हैं कि देहरादून में करीब दर्जनभर शत्रु संपत्तियां हैं।

कुल मिलाकर, उत्तराखंड में शत्रु संपत्तियों का मामला न केवल ऐतिहासिक और कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह विकास के लिए भी एक बड़ा अवसर है।सरकार का लक्ष्य इन संपत्तियों को देश हित में उपयोग करना है।आपके विचार में इन संपत्तियों का उपयोग कैसे होना चाहिए? आप हमें कमेंट कर जरूर बताएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button