खबर का असर : रुद्रप्रयाग वाहन हादसे पर जिम्मेदारो के ऊपर बड़ा एक्शन,कई सस्पैंड,कुछ को चार्जशीट

देहरादून:रुद्रप्रयाग में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बीते शनिवार को रैंतोली के पास टैंपो ट्रैवलर के सड़क से अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा ज़िम्मेदार कर्मचारियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई के निर्देशों के क्रम में कई कर्मचारियों पर कार्यवाही की गई हैं।घटना के बाद titer.in ने भी जिम्मेदारो के ऊपर कार्यवाही को लेकर खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी।
रुद्रप्रयाग घटना की कौन लेगा ज़िम्मेदारी ? किस पर होगा एक्शन आरटीओ पौड़ी या टिहरी! https://titer.in/who-will-take-responsibility-for-the-rudraprayag-incident-who-will-be-taken-action-against-rto-pauri-or-tehri/
बता दें कि इस मामले में आरटीओ पौड़ी ने दुर्घटना के कारणों और एसडीएम रुद्रप्रयाग ने मजिस्ट्रियल जांच की थी।इन जाँचो के आधार पर चैकपोस्ट पर वाहन की चेकिंग न किए जाने के मामले में परिवहन विभाग के 04 कार्मिकों को सस्पैंड कर दिया गया है।जबकि परिवहन विभाग के मोबाइल दल की लापरवाही उजागर होने पर परिवहन कर अधिकारी वरुणा सैनी और जगदीश चंद्र को चार्जशीट जारी की गई है।
संयुक्त परिवहन अयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि 15 जून को एक यात्री टैंपो ट्रैवलर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से 15 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी।इस मामले में मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में कराई गई जांच के निष्कर्षों की संस्तुतियों के बाद परिवहन विभाग के ऋषिकेश तपोवन (ब्रहमपुरी) में स्थापित चैकपोस्ट पर वाहन की चेकिंग न किए जाने की बात सामने आई है।इसके लिए प्रथमदृष्ट्या दोषी पाए गए परिवहन विभाग के 04 कार्मिकों में यशवीर सिंह बिष्ट ,विवेक उनियाल,मेहताब अली,अमर सैनी,को सस्पैंड किया गया है।जबकि चैकपोस्ट पर तैनात 02 पीआरडी जवानों को उनके मूल विभाग के लिए वापस भेजा गया है।वहीं अतिरिक्त प्रश्नगत क्षेत्र में चेकिंग के लिए तैनात किए गए पुलिस विभाग के कार्मिकों के संबंध में अनुशासनिक कार्यवाही के लिए पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड से अनुरोध किया गया है। कहा कि दुर्घटना की अलग-अलग जांच में इसके अन्य कारण भी सामने आए हैं।
आरटीओ पौड़ी के नेतृत्व में गठित लीड एजेंसी और उपजिलाधिकारी रुद्रप्रयाग की मजिस्ट्रियल जांच के अनुसार दुर्घटना का संभावित कारण चालक की मानवीय भूल, निरंतर रातभर वाहन चलाना, थकान अथवा नींद/झपकी का आना भी पाया गया है।दुर्घटना के कारणों में चालक लाइसेंस पर हिल पृष्ठांकन न होना एवं वाहन में निर्धारित क्षमता 20 के स्थान पर 26 सवारियां होने पर भी वाहन के मार्ग पर चेक न होने का भी रिपोर्ट में ज़िक्र किया गया है। जांच रिपोर्ट में प्रत्येक पुलिस एवं परिवहन चैकपोस्ट पर वाहनों की जांच नियमानुसार कड़ाई से किए जाने का परामर्श भी दिया गया है। इसके अतिरिक्त जिस स्थान पर वाहन अलकनंदा में गिरा, वहां क्रैश बेरियर न होकर 05 पैराफिट ब्लॉक हैं, जो मानकों के अनुसार नहीं बनाए गए थे।