पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र और गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को गधा बोलने वाली पटवारी को डीएम ने किया सस्पैंड,क़ानूनग़ो पर हल्का हाथ किया तबादला
लैंसडाउन तहसील में तैनात पटवारी वंदना ने हैसियत प्रणाम पत्र बनाने के लिए की थी रिश्वत की माँग,फ़ोन पर बोल डाला था दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को गधा
उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री व मौजूदा गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को गधा कहने वाली लैंसड़ाउन तहसील में तैनात पटवारी वंदना टम्टा को पौड़ी जनपद के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने जाँच के बाद बड़ी कार्यवाही करते हुए निलंबित कर दिया हैं।जबकि इसी प्रकरण से जुड़े लैंसडाउन कानूनगौ का ताबदला भी कर दिया गया है।
दरअसल लैंसड़ाउन तहसील में तैनात पटवारी वंदना टम्टा द्वारा लैंसडौन के स्थानीय व्यापारी से हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के एवज में क़ानूनगौ के नाम पर फ़ोन कर 3000 रुपये रिश्वत की डिमांड की गई थी।यही नही बल्कि पटवारी ने व्यापारी को पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ फ़ोटो खिचवाने को लेकर चुटकी लेकर यह भी कहा कि गधों के साथ फ़ोटो खिंचवाने से काम नही होगा। स्थानीय व्यापारी के बीच हुई बातचीत का ऑडियो वायरल होते ही पूरे प्रकरण का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान ने जाँच के बाद आज लैंसडौन एसडीएम से प्रकरण की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने पटवारी वंदना टम्टा को निलंबित कर दिया है।जबकि क़ानूनगौ का अन्यत्र तबादला किया है।
क़ानूनग़ो के ऊपर हुई कार्यवाही से अब सवाल यह भी उठ रहा है,कि वाईरल आडियो में निलंबित पटवारी क़ानूनग़ो के लिए पैसो की डिमांड कर रही थी।अगर ऐसा हैं तो क़ानूनग़ो के ऊपर तबादले की कार्यवाही प्रदेश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जैसी हैं।अगर पटवारी ने क़ानूनग़ो के नाम का इस्तेमाल कर पीड़ित से पैसों की माँग की हैं तो क़ानूनग़ो को भी निलंबित पटवारी के ऊपर मुक़दमा दर्ज करवाना चाहिए।