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तों ख़ाली नहीं हैं निर्दलीय नवल ख़ाली की जीत का फ़ॉर्मूला! जानियें वों कैसे ?

चमोली:चमोली की बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनावों के चलते इन दिनों सभी प्रत्याशी जोरो से उपचुनाव की तैयारियों पर लगे हुए हैं।इस सीट पर 10 जुलाई को मतदान होना हैं।और मौजूदा समय में राष्ट्रीय पार्टियों सहित कुल चार उम्मीदवार मैदान में हैं।जिसमें से भाजपा के उम्मीदवार राजेंद्र भंडारी,कांग्रेस के उम्मीदवार लखपत बुटोला एक और स्थानीय दल के हिम्मत सिंह और निर्लदीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहें हैं।

फ़ोटो: बद्रीनाथ सीट के अंतिम गाँव नीति में महिलाओं से संवाद करते नवल ख़ाली

बद्रीनाथ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहें नवल ख़ाली का कहना हैं कि वह जनता के मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान मैं हैं।बद्रीनाथ सीट पर स्वास्थ्य,शिक्षा,सड़क,रोज़गार का मुद्दा अहम हैं,ख़ाली का कहना हैं कि पहले मेडिकल कॉलेज में पहले गाँवो में स्वास्थ्य सुविधाओं को मज़बूत करने की आवश्यकता हैं।ताकि डूमक गाँव के व्यक्ति को पेट दर्द का ईलाज करने के लिए भी मेडिकल कॉलेज का रुख़ न करना पड़े।जीत को लेकर उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ सीट  102145 मतदाता पंजीकृत है।इसके अतिरिक्त 2566 सर्विस वोटर है।कहना हैं कि जनता जानती हैं कि राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवारों को वोट देकर तीन सालों में कोई तख्ता पलट नहीं होना हैं,इसलिए जनता इन तीन सालों के लिए उनपर विश्वास जतायेगी।

फ़ोटो:बद्रीनाथ सीट की निजमूला घाटी में ख़ाली

लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान बद्रीनाथ सीट से कांग्रेसी विधायक राजेंद्र भंडारी अपनी विधायकी से त्याग़पत्र देने के पश्चात भाजपा में शामिल हो गये थे,जिसका फ़ायदा लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिला हैं,ऐसा भाजपा के बड़े नेताओं का मानना हैं।राजेंद्र भंडारी के सीट छोड़ने पर बद्रीनाथ सीट पर उपचुनाव की नौबत आई हैं।ऐसे में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी मज़बूती के साथ पूर्व ज़िला पंचायत अध्यक्ष और बड़े कारोबारी लखपत बुटोला को पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतारा हैं।जबकि एक स्थानीय दल के उम्मीदवार हिम्मत सिंह भी बद्रीनाथ सीट के गाँव गाँव जाकर अपने पक्ष में समर्थन जुटा रहें हैं।इसी चुनावी समर में पत्रकार रहें नवल ख़ाली भी पूरी सिद्दत के साथ चुनावी मैदान में खड़े हैं,बद्रीनाथ सीट पर अचार संहिता लागू होने से पूर्व नवल ख़ाली जन संवाद यात्रा के तहत बद्रीनाथ विधानसभा के सीमांत गाँव नीति पहुँचे थें,जहां से उन्होंने उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था,जिसके बाद से वह लगातार विधानसभा के गाँवों का भ्रमण कर रहें हैं।

अगर आँकडो का आधार देखा जाये तो बद्रीनाथ विधानसभा में इस वर्ष लोकसभा चुनावो में ज़िला निर्वाचन कार्यालय से मिले आँकड़ो के अनुसार 102145 मतदाताओ में से 57.62 प्रतिशत लोगो ने मतदान किया।यानी 58855 लोगो ने लोकसभा चुनाव में बद्रीनाथ सीट से मतदान किया।लेकिन इस बार बद्रीनाथ सीट के उपचुनावों में कम मतदान होने की आशंका जताई जा रही हैं।क्योंकि जनता का मानना हैं कि यह चुनाव जनता पर बेवजह थोपा गया हैं,ऐसे में लोगो के बीच चुनाव को लेकर कोई ज़्यादा ख़ास उत्साह भी नहीं हैं।ऐसा ही रहा तो मतदान प्रतिशत् बेहद कम रह सकता हैं।राजनीतिक विश्लेषज्ञो की माने तो मतदान प्रतिशत 40 प्रतिशत से 45 प्रतिशत के बीच रह सकता हैं।मतदान प्रतिशत अगर 40 प्रतिशत रहा तो बद्रीनाथ सीट पर 48061.6 वोट पड़ेंगे,वही अगर मतदान 45 प्रतिशत रहा तो  क़रीब 54069 मत चारों प्रत्याशियों को पड़ेंगे।सीट पर जातीय समीकरणों की तरफ़ नजर डाली जाये तो बद्रीनाथ सीट पर सभी वर्गो के मतदाताओ की अच्छी संख्या हैं,जिसमें ठाकुर,ब्राह्मण,अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति के मतदाता मुख्य रूप से हैं।साथ ही बद्रीनाथ सीट के नगर क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाता भी अच्छी संख्या में हैं।सीट पर दौनो राष्ट्रीय पार्टियों के मतदाता ठाकुर हैं,जबकि इसी सीट पर ब्राह्मण चेहरे के रूप में नवल ख़ाली चुनाव लड़ रहें हैं।उत्तराखण्ड में माना जाता रहा हैं कि ब्राह्मण मतदाताओ का वोट भाजपा के पक्ष में अधिक रहता हैं,लेकिन बद्रीनाथ सीट से भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र भंडारी का कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आना,और ब्राह्मणों को भंडारी द्वारा फ़ोन पर कहे गये अपशब्दों का जिन्न आडियो क्लिप के रूप में बोतल से बाहर आना।इसी वजह से राजनीतिक गलियारों में चर्चाये हैं, कि इन चुनावो ब्राह्मण मतदाताओं का वोट भाजपा को कम पड़ सकता हैं,और यह वोट कांग्रेस के पक्ष में भी न जाकर ब्राह्मण चेहरे के रूप में बद्रीनाथ विधानसभा से चुनाव लड़ रहें नवल ख़ाली के पक्ष में जा सकता हैं।वही नवल का कहना हैं कि वह सभी वर्गो के मतदाताओं को साथ लेकर चल रहें हैं,वह जातीय आधार पर नहीं विकास के मुद्दों के साथ चुनाव लड़ रहें हैं,उनका कहना हैं कि वह निर्दलीय होने के कारण संसाधन नहीं जुटा पा रहें हैं,लेकिन उनके अकेले होने के बावजूद भी लोग उनसे बड़ी संख्या में जुड़ रहें हैं,जनसंवाद यात्रा के दौरान उन्होंने अपना विजन और विकास का मॉडल जनता के बीच रखा हैं,मौके से ही लोगो की छोटी छोटी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया हैं।ऐसे में उन्हें उनके उनके गृह क्षेत्र से भी अच्छी बढ़त मिल रही हैं।उन्होंने किसी भी दल के उम्मीदवार पर टिप्पणी करने से साफ़ इनकार कर दिया।

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