चमोली:दीपावली के पर्व को देखते हुए लोगो ने बाजारों से खूब खरीददारी की,इस दौरान जिलेभर में स्थित मिठाई की दुकानों में मिलावट वाले मावें की मिठाइयाँ अधिक नजर आई।शिकायत पर ज़िले के अलग अलग विकासखंडों में डीएम संदीप तिवारी के निर्देशों पर संबंधित एसडीएमओ के द्वारा खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम से साथ संयुक्त छापेमारी की गई।वहीं इस दीपावली में अकेले ही नक़ली मिठाइयों का कारोबार लाखों रुपयों से ऊपर पहुँच गया हैं।
नाम न छापने की शर्त पर चमोली के ही एक मिठाई कारोबारी ने बताया की दुकान पर मिठाई बनाने में लागत अधिक लगती हैं,और मिठाई बनाने वाले कारीगर भी आसानी से नहीं मिलते,असली मावें की बर्फी की लागत 650 रुपये प्रति किलो आती हैं,जबकि हरिद्वार सहित अन्य मैदानी क्षेत्रों से सप्लाई होने वाली बर्फी 350 रुपये प्रति किलों से कम दाम पर मिल जाती हैं।जिसमे दुकानदारों को अधिक मुनाफा मिल जाता हैं।
दीपावली के पर्व पर बाजारों में नकली मिठाइयों की भरमार रहती हैं।जिले भर की 90 फ़ीसदी से अधिक दुकानों में मैदानी क्षेत्रों से आने वाली सस्ती मिठाईयो की सप्लाई हैं।बाजारों में दूध से बनी एक किलो बर्फी की कीमत 650 रुपये हैं।जबकि मैदानी क्षेत्रों से पहाड़ों में सप्लाई होने वाली एक किलो बर्फी 350 रुपये किलो आसानी से मिल जाती हैं।जिससे साफ़ जाहिर होता हैं कि पहाड़ो में मिठाई के नाम पर लोगो को धीमा ज़हर खिलाया जा रहा हैं।
चमोली के ज़िला अस्पताल में तैनात सीनियर फ़िजिशियन डा.अमित जैन का कहना हैं कि पहाड़ो में भी कैमिकल युक्त नकली मिठाईयों का चलन बढ़ गया हैं।लोग सस्तें के चक्कर में कैमिकल युक्त मिठाइयाँ ख़रीद लेते हैं।ऐसी मिठाइयों के अधिक सेवन से स्वस्थ मनुष्य को कई तरह की बीमारी जैसे लीवर,किडनी सहित हार्ट की बीमारी हो सकती हैं।किसी को भी ऐसी मिठाईं खाने से परहेज करना चाहिए..
त्योहारों के मौके पर बाजारों में नकली मिठाइयों की सप्लाई की जानकारी मिलने पर चमोली के डीएम संदीप तिवारी के निर्देशों पर थराली में एसडीएम के द्वारा मिठाई की दुकानों में की गई छापेमारी के दौरान कई सालों पुरानी एस्क्पायरी सोनपापड़ी बेचते हुए एक दुकानदार को पकड़ा।वहीं कर्णप्रयाग में भी एसडीएम और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम द्वारा छापेमारी कर कई दुकानों में खाद्य सामग्रियों की सैंपलिंग कर चालान किया गया हैं।