
थराली (चमोली): एक बार फिर सिस्टम की लापरवाही ने आम जनता को मुश्किलों में डाल दिया है।थराली को रतगांव से जोड़ने वाला ढाढरगाड़ पुल,जो कि अब तक निर्माणाधीन था,दिनदहाड़े टूटकर नदी में समा गया।करीब 60 मीटर लंबा यह पुल रतगांव की चार हज़ार से अधिक आबादी के लिए जीवन रेखा जैसा था,लेकिन निर्माण पूरा होने से पहले ही पुल धराशायी हो गया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि घटना के बाद लोनिवि के ईई अधिशासी अभियंता ने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया,मानो जवाबदेही से भाग जाना ही हल हो।स्थानीय ग्रामीण उमराव सिंह फर्शवान का कहना है कि यह इस गधेरे पर बनने वाला चौथा मोटर पुल था,इससे पहले के तीन पुल भी बाढ़ की भेंट चढ़ चुके हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि “विभागीय लापरवाही और ठेकेदार की मनमानी के चलते ये पुल भी लोगों की उम्मीदों के साथ बह गया।
अब जब बरसात का मौसम सिर पर है और नदियाँ उफान पर हैं, ऐसे में ग्रामीणों को अपने गांव तक पहुँचने के लिए 7 से 8 किलोमीटर की खतरनाक और पैदल दूरी तय करनी होगी। स्कूली बच्चों से लेकर बीमार बुजुर्गों तक सबके लिए यह एक बड़ा संकट बन चुका है।




