अधर्म: बद्रीनाथ धाम में देवी सरस्वती की मूर्ति मंदिर से बाहर,पुजारी का आरोप दान पात्रों का पैसा भी डकार जा रहा हैं सेठ..

बद्रीनाथ धाम: श्री बद्रीनाथ धाम में माणा गांव के पास सरस्वती नदी के किनारे पर स्थित माता सरस्वती की प्राचीन मूर्ति को मंदिर से हटाकर पास स्थित एक गुफा में रखा गया है।इस मूर्ति को पौराणिक मंदिर से हटाने के लिए एक महाराष्ट्र के उद्योगपति करार ने गाँव वालों को आश्वासन दिया था कि वह माता सरस्वती के लिए एक भव्य मंदिर बनाएगा और मूर्ति को उसमें स्थापित करेगा।
मंदिर के पुजारी बद्री प्रसाद भट्ट का कहना है कि माता सरस्वती की मूर्ति को हटाना और उसके स्थान पर अन्य मूर्तियों की स्थापना करना अनुचित है।उन्होंने कहा कि माता सरस्वती की मूर्ति को उसके मूल स्थान पर वापस लाया जाना चाहिए।
ग्रामीणों का आरोप हैं कि मंदिर बनने के बाद,उद्योगपति करार ने माता सरस्वती की मूर्ति को नहीं बल्कि अपनी बहन, सहित कई साधुओं और लता मंगेशकर की मूर्तियाँ मंदिर स्थापित कीं।लेकिन आज भी देवी सरस्वती की मूर्ति मंदिर में स्थापित होने की राह ताक रही हैं।सेठ की वादाख़िलाफ़ी को लेकर स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में काफी आक्रोश है।
स्थानीय लोगो का कहना हैं कि मंदिर में उद्योगपति करार ने पाँच-छह दान पात्र भी रखे हैं,जिनमें लॉक रहते है।श्रद्धालु इन दान पात्रों में चढ़ावा देते हैं, लेकिन उद्योगपति के आदमी आकर ताला खोलकर पैसा ले जाते हैं।स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं का कहना है कि माता सरस्वती की पौराणिक मूर्ति को उसके मूल स्थान पर वापस लाया जाना चाहिए जहाँ उद्योगपति द्वारा मंदिर का निर्माण किया गया हैं।साथ ही ग्रामीणों ने इस मामले में सरकार और प्रशासन से उद्योगपति करार की भूमिका की जांच करने और कार्रवाई करने की मांग उठाई हैं।