शर्म नहीं हैं चमोली श्रम विभाग को! या शर्म बेच बेशर्म हो चुकें हैं यहाँ के अधिकारी..

चमोली:(गोपेश्वर) चमोली में श्रम विभाग इन दिनों अख़बारों और न्यूज़ पोर्टलों की सुर्ख़ियों में बना हुआ हैं।लेकिन श्रम विभाग चमोली अपने भले काम के लिए नहीं बल्कि बेशर्मी को लेकर सुर्खियाँ बटोर रहा हैं।यहाँ कभी जनपद के विभिन्न गाँवों से आने वाले श्रमिक पंजीकरण के नाम पर विभाग द्वारा की जा रही रुपयों की अवैध वसूली को लेकर हंगामा काट रहे हैं,तो कभी सरकार द्वारा श्रमिकों को निःशुल्क दिये जाने वाले छातो को लेकर…

दरअसल इसमें गलती श्रमिकों की कतई नहीं हैं,क्योंकि श्रम विभाग चमोली का काम करने का ही ढर्रा ऐसा हैं,कि वह अक्सर विवादों में बना रहता हैं,पिछले साल भी श्रमिकों ने भी कार्यालय पर पंजीकरण के नाम पर विभाग द्वारा रुपयों की अवैध वसूली को लेकर खूब हंगामा किया था। साल तो बदला लेकिन हालात जस के तस..बीतें दिनों भी श्रम विभाग कार्यालय गोपेश्वर में छाते और कंबल बंटने को लेकर भी पंजीकृत श्रमिकों ने खूब हंगामा काटा,उसके बाद नवीन पंजीकरण के नाम पर विभागीय कर्मचारियों पर भी अवैध वसूली करने के आरोप श्रमिकों लगायें थे।जोकि अख़बारों में खूब मोटी मोटी हैडिंगों में भी छपा था।
इतना कुछ होने के बाद भी श्रम विभाग चमोली को बिलकुल भी शर्म नहीं हैं,आज गुरुवार को भी श्रम विभाग चमोली में दूर दूर के गाँवों से पंजीकृत श्रमिक विभाग द्वारा दी जा रही निःशुल्क सामग्री लेने पहुँचे थे,ग्रामीणों का कहना हैं कि विभाग के अधिकारियों द्वारा सुबह के पहुँचे ग्रामीणों को शाम तक सामग्री वितरण के नाम पर बेवक़ूफ़ बना कर रखा गया,जब सामग्री स्टोर के बाहर भूखें प्यासे गाँवों से आये पंजीकृत श्रमिकों ने श्रम विभाग के कर्मचारियो को डीएम से शिकायत की धमकी दी तो तब कहीं शाम 4 बजें बाद ग्रामीणों को सामग्री वितरित की गई।जिससे श्रमिकों में विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर काफ़ी नाराज़गी हैं।