नगर निकाय के वोटर पंचायतो में नहीं लड़ पायेंगे चुनाव,नामांकन रद्द की तैयारी..

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट की डबल बेंच ने एक अहम फैसले में स्पष्ट किया है कि जिन व्यक्तियों के नाम नगर निकाय और ग्राम पंचायत—दोनों मतदाता सूचियों में दर्ज हैं, वे न तो दो बार मतदान कर सकते हैं और न ही पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं। इस निर्णय से प्रदेशभर में चल रहे पंचायती चुनावों में कई प्रत्याशियों के चेहरे मुरझा गए हैं, जो जनवरी माह में हुए नगर निकाय चुनावों में हिस्सा लेने के बाद अब पंचायत चुनावों में भी अपना भाग्य आजमा रहे थे।
कोर्ट के अनुसार, एक व्यक्ति दो अलग-अलग स्थानों या क्षेत्रों की मतदाता सूची में शामिल नहीं हो सकता। ऐसा करना न केवल नियम विरुद्ध है, बल्कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था की मूल भावना के खिलाफ भी है।इस आदेश के बाद जिला निर्वाचन कार्यालयों में हलचल तेज हो गई है। विभिन्न जनपदों में ऐसे प्रत्याशियों की जांच शुरू हो चुकी है, जिनके नाम दोनों मतदाता सूचियों में दर्ज हैं। संभावित अयोग्यता के चलते कई नामांकन निरस्त होने की संभावना है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने भी स्पष्ट कर दिया है कि सभी जिला पंचायत राज अधिकारियों और चुनाव अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई करें। यदि कोई व्यक्ति दोहरी मतदाता सूची में शामिल पाया जाता है, तो उसका नामांकन स्वतः रद्द कर दिया जाएगा।इस निर्णय से पंचायत चुनावों में पारदर्शिता और वैधानिकता की दिशा में एक बड़ा संदेश गया है। साथ ही, यह फैसला भविष्य में चुनावों की शुचिता को बनाए रखने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।