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शर्मनाक : उत्तराखण्ड के इस धार्मिक ट्रैक पर खुलें में शौच जाती हैं महिलायें,जानियें क्या हैं वजह

गोपेश्वर: वैसे तो चमोली जनपद को कई साल पहले ओडीएफ़ घोषित किया जा चुका हैं।लेकिन चमोली में स्थित 22 किलोमीटर पैदल रुद्रनाथ धार्मिक ट्रैक पर महिला तीर्थयात्रियों को रास्ते में शौचालय की सुविधा न होने के कारण खुले में ही शौच के लिए जाना पड़ता हैं।सीजन में प्रतिदिन इस ट्रैक पर बड़ी संख्या में तीर्थयात्री चढ़ते हैं।लेकिन ट्रैक पर कई किलोमीटर तक न तों टॉयलेट की सुविधा हैं ना ही पीने के पानी की व्यवस्था की गई हैं।यह क्षेत्र केदारनाथ सेंचुरी वाईल्ड लाईफ़ के अन्तर्गत आता हैं।

फ़ाईल फ़ोटो:रुद्रनाथ ट्रैक (फ़ोटो सोर्स गूगल)
फ़ाईल फ़ोटो:रुद्रनाथ ट्रैक (फ़ोटो सोर्स गूगल)

स्थानीय निवासी प्रकाश सिंह ने कहा कि यात्रियों को सुविधा मुहैया करवाने का जिम्मा वन विभाग को ग्रामीणों के पास सौंप देना चाहिए।साथ ही वन विभाग को यात्रा मार्ग पर उपयुक्त स्थानों का चयन कर बुग्यालो को ध्यान में रखते हुए ईकों फ़्रैंडली हटों का निर्माण करके ग्रामीणों को ही निर्धारित शुल्क पर संचालित करने को देना चाहिये।ताकि यात्रियों को इन हटो में ठहरने और खाने पीने की सुविधा मिल सके,साथ ही ईको फ़्रैंडली हटो के निर्माण से पर्यावरण को भी नुक़सान नहीं पहुँचेगा और स्थानीय ग्रामीणों को भी रोज़गार का जरिया मिलने के साथ साथ वन विभाग की भी आय बढ़ेगी।

स्थानीय लोगो का कहना हैं कि ज़िला प्रशासन के द्वारा पिछले साल रुद्रनाथ ट्रैक पर सगर गाँव से 4 किलोमीटर की दूरी पर पुंग बुग्याल में एक प्लास्टिक का बायों टॉयलेट स्थापित किया गया था।लेकिन पानी की समस्या के कारण वह भी उपयोग में नहीं हैं।जिससे यात्रियों को काफ़ी दिक्कते उठानी पड़ती हैं।कहा कि केदारनाथ वन प्रभाग के अधिकारियों को कई बार यात्रा पैदल मार्ग पर यात्रियों को हो रही असुविधाओं को देखते हुए मार्ग में टॉयलेट स्थापित करने का आग्रह किया गया,लेकिन अधिकारी माँग को अनसुना कर देते हैं।

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