किसी काम की नहीं चमोली में यें तीन तहसीलें,बग़ैर तहसीलदारो के दम तोड़ती चमोली की 12 तहसीलें…

चमोली: यूँ तो चमोली ज़िले के 9 विकासखंडों में 12 तहसीलें हैं।लेकिन तहसीलदारों के अभाव में कई तहसीलें दम तोड़ रही हैं।हरीश रावत सरकार के दौरान अस्तित्व में आई अधिकांश तहसीलों के पास न अपने भवन हैं,और ना ही तहसील के संचालन के लिए पर्याप्त कर्मचारी।ऐसे में लोगो को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।और अपने छोटे बड़े कामों के लिए अपनी पुरानी मूल तहसीलों की ओर रुख़ करना पड़ रहा हैं।
बता दें कि तत्कालीन हरीश रावत सरकार के द्वारा चमोली ज़िले में नारायणबगड़ देवाल,नंदप्रयाग,ज़िलासू,और आदिबद्री तहसील की घोषणा की गई थी।तहसीलें तो खोल दी गई लेकिन तहसीलों में पदो का सृजन नहीं हो पाया।नारायणबगड़ और देवाल विकासखंड में सृजित तहसीलो में भी स्टाफ़ की कमी हैं,लेकिन जैसे तैसे काम चलाऊ व्यवस्था के तहत थराली तहसील से प्रभारी तहसीलदार ही दौनों तहसीलों का जिम्मा सँभाले हुए हैं।वहीं कर्णप्रयाग तहसील में तैनात ज़िले की महज़ एक तहसीलदार सुधा डोभाल के पास पोखरी,गैरसेंणआदिबदरी,जिलासू तहसील का अतिरिक्त प्रभार हैं।वहीं चमोली के प्रभारी तहसीलदार के पास नंदप्रयाग और नंदानगर तहसील का अतिरिक्त प्रभार हैं।जबकि जोशीमठ तहसील में भी इसी व्यवस्था के तहत नायब तहसीलदार के पास ज़रूरी प्रमाणपत्रों को निर्गत करने के लिए तहसीलदार का चार्ज हैं।
अब बात करते हैं उन तहसीलों की,जिनका गठन आमजन की सुविधाओं के लिए किया गया था,लेकिन अब यह तहसीले सरकार के साथ साथ जनता के ऊपर भी बोझ बन गई हैं।क्योंकि एक आध कर्मचारियों के भरोसे यह तहसीलें नाममात्र के लिए संचालित की जा रहीं हैं।नंदप्रयाग तहसील के पास न तो भवन हैं न ही पर्याप्त स्टाफ़,कर्णप्रयाग,दशोली और नंदानगर के कुछ गाँवों को जोड़कर यह नई तहसील बनाई गई थी,लेकिन आज भी यहाँ के लोगो को इस तहसील से लोगो को फ़ायदा नहीं बल्कि नुक़सान अधिक हो रहा हैं,क्योंकि नंदप्रयाग तहसील में शामिल होने वाले गाँवों के ब्लॉक कार्यालय अपने ही ब्लॉक मुख्यालयो पर हैं,और तहसीलें कई मील दूर,ऐसे में ब्लॉक और तहसील से जुड़े कार्यों के लिए लोगो को लंबी दूरी नापनी हो पड़ रही हैं।ऐसा ही हाल जिलासू और आदिबदरी तहसील का हैं,रजिस्ट्री और दाखिल ख़ारिज सहित अन्य कार्यों के लिए आज भी यहाँ के लोगो को अपनी मुख्यालय की तहसील कर्णप्रयाग और पोखरी का रुख़ करना पड़ रहा हैं।