
देहरादून: चारधाम यात्रा में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था को अब ऑनलाइन धोखेबाजों ने निशाना बना लिया है। बद्रीनाथ धाम में चढ़ावे के नाम पर फर्जी वेबसाइटें चलाकर लोगों से पैसे वसूले जा रहे हैं। ये वेबसाइटें दावा करती हैं कि भक्तों का चढ़ाया हुआ प्रसाद और दान सीधे मंदिर पहुंचाया जाएगा, लेकिन हकीकत यह है कि यह पूरा मामला एक सुनियोजित साइबर ठगी का है।
इन वेबसाइटों पर लिमिटेड स्लॉट्स, विशेष पूजा पैकेज और आशीर्वाद बॉक्स जैसी स्कीमें चल रही हैं। उदाहरण के तौर पर “देवस्थान” नामक एक वेबसाइट पर 201 रुपये की तुलसी माला, 301 रुपये का भोग, और 851 रुपये का लाल वस्त्र चढ़ाने का विकल्प मिलता है। भुगतान के बाद यह दावा किया जाता है कि श्रद्धालु के नाम से एक विशेष ‘आशीर्वाद बॉक्स’ तैयार कर उसे एक सप्ताह के भीतर बद्रीनाथ जैसे पवित्र स्थलों पर वितरित कर दिया जाएगा।
यह सब सुनने में कितना भी आकर्षक क्यों न लगे, लेकिन असल में यह पूरा तंत्र लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ और खुलेआम आर्थिक धोखाधड़ी है। वेबसाइटें हर महीने 200 से अधिक पवित्र अनुष्ठानों का ‘लाइव पूजा अनुभव’ देने का दावा भी करती हैं, जबकि मंदिर प्रशासन का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
इससे पहले भी चढ़ावे के नाम पर धन उगाही की शिकायत सामने आ चुकी है। बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत दिवेदी ने स्वयं इस विषय में संज्ञान लेकर बद्रीनाथ मंदिर के CEO को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। साथ ही बद्रीनाथ थाने के प्रभारी नवनीत भंडारी ने संबंधित व्यक्ति को वेबसाइट बंद करने के निर्देश भी दिए थे। बावजूद इसके, ये फर्जीवाड़ा आज भी बदस्तूर जारी है।
इस मामले में सबसे गंभीर चिंता की बात यह है कि आम श्रद्धालु साइबर ठगी से अनजान हैं। धर्म और आस्था से जुड़े भावनात्मक विषयों में लोग बिना जांच-पड़ताल के अपना योगदान कर देते हैं और यहीं से ठगों का खेल शुरू हो जाता है।
लोगो का मानना है कि प्रशासन को चाहिए कि वह इस डिजिटल ‘पंडा मंडली’ पर सख्त कदम उठाए। इसके साथ ही, चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण के समय श्रद्धालुओं को आधिकारिक वेबसाइटों और मंदिर प्रबंधन से जुड़ी प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध करवाई जाए। इससे न केवल ठगी से बचाव होगा, बल्कि यात्रियों की श्रद्धा और यात्रा दोनों सुरक्षित और सुखद बनेंगी।