
पौड़ी(गढ़वाल) पौड़ी जिले में गर्भवती महिलाओं की जिंदगी अब पहले से ज्यादा सुरक्षित है।हाई रिस्क प्रेग्नेंसी से जूझ रही महिलाओं के लिए शुरू किया गया ‘काव्या ऐप’ अब तक 448 जिंदगियों को सुरक्षित प्रसव के जरिए नया जीवन दे चुका है।यह पूरी प्रक्रिया एक लिंक के ज़रिए संपन्न की जाती हैं।
डॉ. आशीष चौहान ने कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि कोई भी गर्भवती महिला समय पर इलाज से वंचित न रह जाए। काव्या ऐप इसी दिशा में बड़ा कदम है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इसे पूरी गंभीरता से लागू कर रहे हैं।”
जिलाधिकारी डॉ.आशीष चौहान ने जनवरी 2023 में काव्या ऐप की शुरुआत की थी।ऐप का मकसद था,ऐसी महिलाओं की पहचान करना,जो गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह के स्वास्थ्य जोखिम में हों।दो साल में अब तक 511 हाई रिस्क महिलाओं का पंजीकरण हुआ है।इनमें से 448 महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया है।
पौड़ी जैसे पहाड़ी इलाके में बारिश और खराब रास्तों के चलते समय पर अस्पताल पहुंचना मुश्किल होता है।ऐसे में ये ऐप जन्म से पहले की सुरक्षा योजना बनाता है।आशा कार्यकर्ता हाई रिस्क मामलों की पहचान करती हैं,और मेडिकल टीम तय तिथि से पहले महिला को अस्पताल पहुंचा देती है।इस ऐप की मॉनिटरिंग ब्लॉक, जिला और प्रशासनिक स्तर पर होती है।ब्लॉक में SDM, BDO और चिकित्सा अधिकारी,जिले में CMO और स्वास्थ्य टीमें और खुद DM आशीष चौहान भी इसकी निगरानी करते हैं।
ऐप के ज़रिए 2023 से 2025 तक हुए सुरक्षित प्रसव के आंकड़ों पर नजर डाली जाये तो 2023 में 179 सुरक्षित प्रसव 2024 में 234,मौजूदा साल 2025 में अब तक 35 प्रसव और 63 महिलाएं निगरानी में हैं,जिनके लिए पूरी योजना तैयार है।
कैसे होता है पंजीकरण?
गर्भावस्था के दौरान जब जांच में किसी महिला को हाई रिस्क कैटेगरी में पाया जाता है, तो ANM उसका डाटा CMO ऑफिस भेजती है। वहां से ऐप में पंजीकरण होता है और फिर डॉक्टर लगातार निगरानी में रखते हैं।